Navjot singh sidhu biography in hindi


नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू (अंग्रेजी: Navjot Singh Sidhu, पंजाबी: ਨਵਜੋਤ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ, जन्म: 20 अक्टूबर 1963, पटियाला) भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी (बल्लेबाज) एवं अमृतसरलोक सभा सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद हैं। खेल से संन्यास लेने के बाद पहले उन्होंने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिये कमेंट्री करना आरम्भ किया उसके बाद राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। राजनीति के अलावा उन्होंने टेलीविजन के छोटे पर्दे पर टी.वी.

कलाकार के रूप में भी अपनी पहचान बनायी है। टी.वी. सीरियल बिग बॉस के कारण भी वे चर्चित रहे।[1]

संक्षिप्त जीवनी

[संपादित करें]

नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म भारत में पंजाब प्रान्त के पटियाला जिले में हुआ। 1983 से 1999 तक वे क्रिकेट के मँजे हुए खिलाड़ी रहे; क्रिकेट से संन्यास लेने के पश्चात उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा का टिकट दिया। उन्होंने राजनीति में खुलकर हाथ आजमाया और भाजपा के टिकट पर 2004 में अमृतसर की लोकसभा सीट से सांसद चुने गये। उन पर एक व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा चला और अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनायी। जिसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से तत्काल त्यागपत्र देकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। उच्चतम न्यायालय द्वारा निचली अदालत की सजा पर रोक लगाने के पश्चात उन्होंने दुबारा उसी सीट से चुनाव लड़ा और सीधे मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी व पंजाब के वित्त मन्त्री सुरिन्दर सिंगला को 77626 वोटों के भारी अन्तर से हराया। सिद्धू पंजाबी सिक्ख होते हुए भी पूर्णतया शाकाहारी हैं।[2] संयोग से उनकी पत्नी का नाम भी नवजोत है। पत्नी नवजोत कौर पेशे से चिकित्सक हैं और पटियाला में जहाँ सिद्धू का स्थायी निवास है, रहती हैं।

क्रिकेट कैरियर

[संपादित करें]

व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नाम नवजोत सिंह सिद्धू
उपनाम सिक्सर सिद्धू, शेरी, शेरी पाजी
बल्लेबाजी की शैली दायें हाथ के बल्लेबाज
गेंदबाजी की शैली मध्यम गति के गेंदबाज
भूमिकाबल्लेबाज़
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी
राष्ट्रीय पक्ष
टेस्ट में पदार्पण (कैप 166)12 नवम्बर 1983 बनाम वेस्ट इंडीज़
अंतिम टेस्ट6 जनवरी 1999 बनाम न्यूज़ीलैंड
वनडे पदार्पण (कैप 61)9 अक्टूबर 1987 बनाम ऑस्ट्रेलिया
अंतिम एक दिवसीय20 सितम्बर 1998 बनाम पाकिस्तान
घरेलू टीम की जानकारी
वर्षटीम
1981–2000पंजाब
कैरियर के आँकड़े
प्रतियोगिताटेस्ट क्रिकेटएक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मैच प्रथम श्रेणी क्रिकेट "ए" श्रेणी क्रिकेट
मैच51 136 157 205
रन बनाये3202 4,413 9,571 7,186
औसत बल्लेबाजी42.13 37.08 44.31 41.77
शतक/अर्धशतक9/15 6/33 27/50 10/55
उच्च स्कोर201 134 (आउट नहीं*) 286 139
गेंद किया6 4 104 10
विकेट0
औसत गेंदबाजी
एक पारी में ५ विकेट
मैच में १० विकेट
श्रेष्ठ गेंदबाजी
कैच/स्टम्प9/– 20/– 50/– 31/–
स्रोत : espncricinfo, 1 जनवरी 2009

नवजोत सिंह सिद्धू ने 1983 से लेकर 1999 तक पूरे सत्रह साल क्रिकेट खेला। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने पहला मैच वेस्ट इंडीज़ की टीम के विरुद्ध 1983 के दौरान अहमदाबाद में खेला जिसमें वे सिर्फ़ 19 ही रन बना पाये। इसके बाद उन्हें 1987 के विश्व कप क्रिकेट की भारतीय टीम में शामिल किया गया। उन्होंने कुल पाँच में से चार मैच खेले और प्रत्येक मैच में अर्धशतक ठोका। पाकिस्तान के खिलाफ़ शारजाह में खेलते हुए 1989 में उन्होंने पहला शतक लगाया। ग्वालियर के मैदान पर 1993 में उन्होंने इंग्लैण्ड के विरुद्ध नॉट आउट रहते हुए 134 रन बनाये जो उनका एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुक़ाबला मैच में सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। 1999 में क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद मीडिया को दिये गये एक इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा था कि एक क्रिकेट समीक्षक की टिप्पणी से आहत होकर वे क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं अन्यथा उनका खेल इतना बुरा नहीं था। 1987 के विश्व कप में उनकी शानदार भागीदारी को इतनी जल्दी भुला दिया जायेगा इसकी उन्होंने स्वप्न में भी कल्पना न की थी।[3]

सिद्धू ने तीन बार 1993, 1994 और 1997 के दौरान प्रति वर्ष 500-500 से अधिक टेस्ट रन बनाये। प्रथम श्रेणी मैच में मात्र 104 गेंदें खेलकर बनाये गये 286 रन उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। 1994 में वेस्ट इंडीज़ दौरे के दौरान उन्होंने एकदिवसीय मैचों में 884 रन बनाये और पाँच शतक ठोकने वाले पहले भारतीय होने का गौरव भी प्राप्त किया। सिद्धू के जीवन के बेहतरीन क्षण तब आये जब 1996-97 में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़़ टेस्ट क्रिकेट में 11 घण्टे लम्बी पारी खेलकर उन्होंने 201 रन बनाये। 1993-94 में श्रीलंका के ख़िलाफ़़ आठ छक्कों की मदद से 124 रनों की धुआँधार पारी और 1997-98 में आस्ट्रेलिया की टीम के विरुद्ध चार-चार अर्द्धशतक उनके यादगार कारनामे हैं जो उन्होंने क्रिकेट के मैदान में खेलते हुए कर दिखाये।[4]

राजनीतिक जीवन

[संपादित करें]

सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अमृतसर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2004 का लोकसभा चुनाव जीता। राजनीति में आने से बहुत समय पूर्व 1988 में सिद्धू को किन्हीं गुरनामसिंह की इरादतन हत्या के सिलसिले में सह-आरोपी बनाया गया था।[5] उन्हें पटियाला पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। उन पर आरोप यह था कि उन्होंने गुरनामसिंह की हत्या में मुख्य आरोपी भूपिन्दर सिंह सन्धू की सहायता की है जबकि सिद्धू ने इन आरोपों को गलत बताया था।[6] सिद्धू ने कोर्ट में यह दलील दी कि वह इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं और शिकायतकर्ताओं ने उन्हें झूठा फँसाया है।[5] सिद्धू की इस दलील पर मृतक गुरनामसिंह के भतीजे जसविन्दर सिंह ने कहा कि वह घटना का प्रत्यक्षदर्शी है और सुप्रीम कोर्ट तक में इसे सिद्ध कर देगा।[7]

जब वे सांसद बन गये तो उनके ख़िलाफ़़ पुराने केस की फ़ाइल खोल दी गयी। दिसम्बर 2006 में अदालत के अन्दर उनपर मुकदमा चलाया गया। उपलब्ध गवाहियों के आधार पर नवजोत सिंह सिद्धू को चलती सड़क पर हुए झगड़े में एक व्यक्ति को घातक चोट पहुँचाकर उसकी गैर इरादतन हत्या के लिये तीन साल कैद की सजा सुनायी गयी। सजा का आदेश होते ही उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से जनवरी 2007 में त्यागपत्र देकर उच्चतम न्यायालय में याचिका ठोक दी।[8] उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा पर रोक लगाते हुए फरवरी 2007 में सिद्धू को अमृतसर लोकसभा सीट से दुबारा चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी।[9]

इसके बाद 2007 में हुए उप-चुनाव में उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के पंजाब राज्य के पूर्व वित्त मन्त्री सुरिन्दर सिंगला को भारी अन्तर से हराकर अमृतसर की यह सीट पुनः हथिया ली। 2009 के आम चुनाव में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ओम प्रकाश सोनी को 6858 वोटों से हराकर अमृतसर की सीट पर तीसरी बार विजय हासिल की।[10] तब से लेकर आज तक वे अमृतसर की लोकसभा सीट से जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

2016 में भाजपा छोड़ ने के बाद,  2017 मे नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली.

सिद्धू ने कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद अपने को पैदाइशी कांग्रेसी बताया था |[11]2021 में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस ने अपना नया 'कैप्टन' यानि के प्रदेश अध्यक्ष बनाया था |[12]

पंजाब 2022 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.[13]

कमेण्ट्रेटर और टी.वी.

कलाकार

[संपादित करें]

जब भारतीय क्रिकेट टीम 2001 में श्रीलंका के दौरे पर गयी तो सिद्धू ने बतौर कमेण्ट्रेटर निम्बूज स्पोर्टज़ के लिये काम किया। बाद में उन्हें ई.पी.एन.एस. स्टार स्पोर्ट्स ने अपने चैनल पर अनुबन्धित कर लिया और वे "वन लाइनर कॉमेडी" करने लगे। उन्हें इस कार्य से अपार लोकप्रियता भी हासिल हुई।[14]

ई.एस.पी.एन.

से अलग होने के बाद वे टेन स्पोर्ट्स से जुड़ गये और क्रिकेट समीक्षक के नये रोल में टी.वी. स्क्रीन पर दिखायी देने लगे। अब तो उन्हें कई अन्य भारतीय टी.वी. चैनल भी आमन्त्रित करने लगे हैं।

टी.वी. चैनल पर एक अन्य हास्य कार्यक्रम "द ग्रेट इन्डियन लाफ्टर चैलेन्ज" में जज की भूमिका उन्होंने बखूबी निभायी। इसके अतिरिक्त "पंजाबी चक दे" सीरियल में भी उन्हें काम मिला। हाल ही में उन्हें बिग बॉस के छठे एपिसोड में लिया गया जहाँ कुछ समय तक सफलतापूर्वक काम किया।[1]

सन्दर्भ

[संपादित करें]

नवजोत सिंह ने राज्यसभा से 18 जुलाई 2016 को इस्तीफा सौंप दिया है।

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]

Ellen bryant voigt biography of alberta